ब्लड प्रेशर क्या है? क्या है इनके लक्षण और उपाय ?:
ब्लड प्रेशर क्या है?:
ब्लड प्रेशर, जिसे हिंदी में रक्तचाप कहा जाता है, हमारे शरीर में रक्त का
प्रवाह और उसकी गति का एक महत्वपूर्ण माप है। यह उस दबाव को दर्शाता है जो रक्त
धमनियों की दीवारों पर पड़ता है। जब हमारा दिल धड़कता है, तो वह रक्त को धमनियों में
पंप करता है, जिससे एक निश्चित दबाव उत्पन्न होता है। इसे सिस्टोलिक और डायस्टोलिक प्रेशर
में विभाजित किया जाता है। सिस्टोलिक प्रेशर वह दबाव है जो दिल के संकुचन के समय
मापा जाता है, जबकि डायस्टोलिक प्रेशर उस समय का माप है जब दिल आराम कर
रहा होता है। ब्लड प्रेशर को मिलीमीटर पारा (mmHg) में मापा जाता है, और सामान्य
स्तर 120/80 mmHg के आसपास होता है।
उच्च रक्तचाप, या हाइपरटेंशन, तब होता है जब यह स्तर लगातार 130/80
mmHg या उससे अधिक रहता है। इसे अनदेखा करने से स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है,
जैसे हृदय रोग,
स्ट्रोक और
गुर्दे की समस्याएं। रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए उचित आहार, नियमित व्यायाम
और तनाव प्रबंधन आवश्यक हैं। तनाव, अनहेल्दी खाने की आदतें, धूम्रपान और शराब का सेवन
रक्तचाप को बढ़ा सकते हैं। दूसरी ओर, हाइपोटेंशन, यानी निम्न रक्तचाप,
तब होता है जब
यह स्तर 90/60 mmHg से कम हो जाता है। यह भी गंभीर समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।
स्वस्थ जीवनशैली अपनाना और नियमित रूप से रक्तचाप की जांच कराना बेहद
महत्वपूर्ण है। अगर किसी को उच्च या निम्न रक्तचाप की समस्या हो, तो उसे तुरंत
डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। जीवनशैली में छोटे-छोटे बदलाव जैसे सही खानपान,
नियमित व्यायाम
और मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना, रक्तचाप को संतुलित रखने में मदद कर सकता है।
रक्तचाप एक ऐसी स्थिति है जिसे नियंत्रित किया जा सकता है, इसलिए इसके प्रति जागरूक
रहना आवश्यक है।
ब्लड प्रेशर के लक्षण
ब्लड प्रेशर के लक्षण विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं, और ये व्यक्ति के स्वास्थ्य
और स्थिति के अनुसार बदल सकते हैं। उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) के सामान्य लक्षण
में शामिल हैं:
- सिरदर्द:
खासकर माथे के हिस्से में।
- चक्कर आना:
संतुलन खोने की भावना।
- थकान:
बिना किसी कारण के अत्यधिक थकावट।
- धुंधला
दृष्टि: दृष्टि में असामान्य बदलाव।
- छाती में
दर्द: हृदय के आसपास का क्षेत्र।
- दिल की
धड़कन में बदलाव: तेजी से या धीमी धड़कन।
निम्न रक्तचाप (हाइपोटेंशन) के लक्षण में शामिल हो सकते हैं:
- चक्कर आना:
खड़े होने पर या अचानक मूवमेंट से।
- कमजोरी:
सामान्य गतिविधियों में भी थकान।
- बेहोशी:
अचानक गिरने की संभावना।
- थकावट:
अक्सर और बिना कारण के।
यदि आपको इनमें से कोई लक्षण महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। नियमित जांच से रक्तचाप को नियंत्रित करना महत्वपूर्ण है।
ब्लड प्रेशर (रक्तचाप) के मुख्य प्रकार:
- उच्च
रक्तचाप (हाइपरटेंशन): यह तब
होता है जब रक्तचाप लगातार 130/80
mmHg या उससे अधिक हो। इसे आमतौर पर "साइलेंट
किलर" कहा जाता है, क्योंकि
इसके लक्षण स्पष्ट नहीं होते हैं।
- निम्न
रक्तचाप (हाइपोटेंशन): यह तब
होता है जब रक्तचाप 90/60 mmHg से कम
होता है। इसमें चक्कर आना, कमजोरी और
बेहोशी जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- प्राथमिक
हाइपरटेंशन: यह
सामान्यतः उम्र, आनुवंशिकता, और जीवनशैली के कारण होता है और इसमें कोई
विशेष कारण नहीं होता।
- गौण
हाइपरटेंशन: यह किसी
अन्य बीमारी, जैसे
गुर्दे की बीमारी या हार्मोनल असंतुलन के कारण होता है।
- पल्स
प्रेशर: यह
सिस्टोलिक और डायस्टोलिक रक्तचाप के बीच का अंतर है, जो दिल की सेहत को दर्शाता है।
ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखने का घरेलु उपाय:
ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखने के लिए कई घरेलू उपाय हैं। यहाँ कुछ प्रभावी
उपाय दिए गए हैं:
- नमक का
सेवन कम करें: अधिक नमक
खाने से रक्तचाप बढ़ सकता है। कोशिश करें कि दैनिक नमक का सेवन 5-6 ग्राम से कम हो।
- संतुलित
आहार: फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज, नट्स और बीज शामिल करें। विशेषकर केला, बीट और पालक रक्तचाप को नियंत्रित करने में
मदद करते हैं।
- अधिक पानी
पिएं: हाइड्रेटेड
रहना महत्वपूर्ण है। पर्याप्त पानी पीने से शरीर की प्रणाली सही से काम करती
है।
- व्यायाम: नियमित व्यायाम, जैसे योग, तैराकी या चलना, रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
- तुलसी: प्रतिदिन तुलसी की पत्तियाँ चबाने या तुलसी
का रस पीने से रक्तचाप में कमी आ सकती है।
- दालचीनी: दालचीनी को दूध या चाय में मिलाकर पीने से
रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
- लहसुन: लहसुन का सेवन रक्तचाप को कम करने में
सहायक होता है। इसे कच्चा चबाने या खाना पकाने में शामिल करें।
- तनाव
प्रबंधन: ध्यान, प्राणायाम और गहरी साँस लेने के व्यायाम से
तनाव कम करें, जिससे
रक्तचाप पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
- अल्कोहल
और कैफीन का सेवन कम करें: इनका अधिक
सेवन रक्तचाप को बढ़ा सकता है।
- नियमित
जांच: नियमित
रूप से रक्तचाप की जांच करवाएं ताकि आप अपने स्तर पर ध्यान रख सकें।
इन उपायों को अपनाकर आप अपने रक्तचाप को बेहतर तरीके से नियंत्रित कर सकते हैं, लेकिन अगर समस्या गंभीर है, तो डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।
FAQ
Ques-1 ब्लड प्रेशर का मतलब क्या होता है?
- सिस्टोलिक दबाव (ऊपरी संख्या) – यह वह दबाव होता है जब हृदय धड़कता है और रक्त को शरीर में पंप करता है।
- डायस्टोलिक दबाव (निचली संख्या) – यह वह दबाव होता है जब हृदय आराम करता है और रक्त को फिर से भरने के लिए समय लेता है।
नॉर्मल ब्लड प्रेशर लगभग 120/80 mmHg होता है। अगर यह लगातार ज्यादा या कम हो, तो यह स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है।
Ques-2 ब्लड प्रेशर बढ़ने का मुख्य कारण क्या है?
- मोटापा – ज्यादा वजन होने से दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है।
- अनहेल्दी आहार – ज्यादा नमक, वसा और शक्कर वाले खाद्य पदार्थ ब्लड प्रेशर बढ़ा सकते हैं।
- व्यायाम की कमी – शारीरिक गतिविधि की कमी से रक्तचाप बढ़ सकता है।
- तनाव – मानसिक तनाव या चिंता से ब्लड प्रेशर में वृद्धि हो सकती है।
- मादक पदार्थों का सेवन – शराब, तंबाकू और कैफीन का अधिक सेवन ब्लड प्रेशर बढ़ाता है।
- जैविक और आनुवंशिक कारण – परिवार में उच्च रक्तचाप होने पर इसका खतरा अधिक होता है।
Ques-3 बीपी बढ़ने की पहचान क्या है?
- सिर दर्द – खासकर सिर के पिछले हिस्से में।
- चक्कर आना – संतुलन बिगड़ना और असमंजस महसूस होना।
- सीने में दर्द – दिल में दबाव या दर्द महसूस होना।
- धुंधली दृष्टि – आंखों के सामने धुंधलापन या दिखाई देने में परेशानी।
- सांस लेने में कठिनाई – सांस लेने में दिक्कत या घबराहट महसूस होना।
- थकान और कमजोरी – सामान्य से अधिक थकावट और कमजोरी महसूस होना।
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