हाथ की हथेली में पसीना क्यों आता है?: क्या है इसके कारण, लक्षण और उपाय|


हाथ की हथेली में पसीना क्यों आता है?: क्या है इसके कारण, लक्षण और उपाय|

हाथ की हथेली में पसीना आना एक सामान्य समस्या है, जिसे हम अक्सर कभी न कभी अनुभव करते हैं। यह स्थिति न केवल शारीरिक रूप से महसूस होती है, बल्कि मानसिक और भावनात्मक असर भी डाल सकती है। जब हमें घबराहट, चिंता, या तनाव होता है, तो शरीर में कई बदलाव होते हैं। इन्हीं बदलावों में से एक है हाथों में पसीना आना।

हाथ की हथेली में पसीना होना:  

हाथ की हथेली और पैर के तलवे में ज्यादा पसीना आने का कई कारण हो सकता है| यह एक आम समस्या होती है। व्यक्ति के शरीर से पसीना आना एक सामान्य प्रक्रिया है| इस प्रक्रिया के द्वारा शरीर की गंदगी और टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं। शरीर से पसीना आना शरीर के अच्छे स्वास्थ्य के लिए बेहद जरुरी होता है। यदि किसी व्यक्ति को पसीना नहीं आता है तो उसके शरीर के ओवरहीट होने का खतरा बढ़ जाता है परन्तु जरुरत से ज्यादा पसीना आना भी कई शारीरिक समस्या का कारण बन सकता है। सामान्यतः सभी लोगों के शरीर में अधिक पसीना आता है लेकिन हथेली और तलवों में हर किसी को पसीना नहीं आता हैं। अगर यही पसीना हथेली और तलवों में आने लगे तो यह कई गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। सामान्य तापमान पर भी हथेली और तलवों में पसीना आना सामान्य प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह किसी बीमारी का भी संकेत हो सकता है। आज हम आप सभी को इस पोस्ट के जरिये बताएँगे की इन हथेली और तलवों में पसीना आने के क्या कारण होता हैं और ये कैसे ठीक हो सकता है|

हथेली में पसीना आने के कारण

सामान्य तापमान पर या कम तापमान पर भी यदि व्यक्ति के हाथ की हथेली और पैर के तलवों में पसीना आता है तो यह “हाइपरहाइड्रोसिस” नामक बीमारी का संकेत हो सकता है, लेकिन कई बार ऐसा होता है की यह किसी बिमारी के कारण नहीं बल्कि यह सामान्य रूप से किसी किसी को पसीना ज्यादा होता ही है| अक्सर हथेली और तलवों में ज्यादा पसीना आना या पूरे शरीर में ज्यादा पसीना आना हाइपरहाइड्रोसिस बीमारी को दर्शाता है। यह अनुवांशिकता के कारण भी हो सकता है| कभी कभी मानसिक तनाव के कारण भी ज्यादा पसीना हो सकता है| अक्सर यह भी पाया गया है की जब हार्मोनल बदलाव होता है, जैसे- किशोरावस्था, गर्भावस्था या मेनोपॉज के दौरान भी पसीना ज्यादा होता है| कुछ मेडिकल स्थितियाँ जैसे थायरॉइड की समस्याएं, डायबिटीज़ या अन्य एंडोक्राइन डिसऑर्डर्स भी ज्यादा पसीना होने का कारण हो सकता है|

यदि कोई व्यक्ति हाइपरहाइड्रोसिस नामक बीमारी से ग्रसित है तो, उस व्यक्ति को सर्दियों में भी हथेलियों और तलवों में पसीना आता है|

हाइपरहाइड्रोसिस बीमारी के लक्षण

यदि किसी व्यक्ति को हाइपरहाइड्रोसिस बीमारी हो जाती है तो, उस व्यक्ति को बिना किसी तनाव या घबराहट के सर्दियों में भी अधिक पसीना होता है। गर्मी न होने पर भी ऐसा लगता है कि, बहुत ज्यादा गर्मी हो रही है| हाइपरहाइड्रोसिस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को इतना पसीना आने लगता है कि उस व्यक्ति के कपड़े तक गीले हो जाते हैं। हाइपरहाइड्रोसिस बीमारी में सबसे ज़्यादा पसीना अंडरआर्म, माथा, हथेलियां और पांव के तलवे में होता है। अधिक पसीना आने से त्वचा पर चिड़चिड़ापन या संक्रमण की संभावना बढ़ सकती है। पसीने के कारण आत्मविश्वास में कमी या सामाजिक स्थिति में असहजता हो सकती है।

हथेलियों में पसीने आने की समस्या को दूर करने के उपाय

हथेलियों में पसीने आने की समस्या को कम करने के लिए आप निम्नलिखित उपाय आजमा सकते हैं:

  1. एंटीपर्सपिरेंट का उपयोग: विशेष रूप से हाथों के लिए बने एंटीपर्सपिरेंट का प्रयोग करें, जिसमें एल्यूमिनियम क्लोराइड होता है।
  2. बोरेक्स पाउडर: हाथों को सूखा रखने के लिए बोरेक्स पाउडर का इस्तेमाल करें। इसे हल्का सा हाथों पर लगाएं।
  3. मिट्टी का टील: मिट्टी का टील या कॉर्नस्टार्च लगाने से पसीना अवशोषित हो सकता है।
  4. आहार में बदलाव: मसालेदार और गर्म भोजन से बचें। अधिक पानी और फल-सब्जियाँ खाएं।
  5. योग और ध्यान: तनाव कम करने के लिए योग और ध्यान करें। इससे मानसिक स्थिति में सुधार होगा।
  6. डॉक्टर से परामर्श: अगर समस्या गंभीर है, तो चिकित्सक से सलाह लें। वे दवाएं या अन्य उपचार जैसे बोटॉक्स या आईओन्टोफोरेसिस की सलाह दे सकते हैं।

हथेली में पसीने आने का उपचार

हथेली में पसीने आने की समस्या, जिसे हाइपरहाइड्रोसिस कहा जाता है, बहुत लोगों को परेशान कर सकती है। इस स्थिति से निपटने के लिए कई उपचार विकल्प नीचे दिए गए हैं।

1.      पहला कदम सही जानकारी हासिल करना है। सामान्य एंटीपर्सपिरेंट, जिनमें एल्यूमिनियम क्लोराइड होता है, हाथों के लिए भी प्रभावी हो सकते हैं। इन्हें नियमित रूप से इस्तेमाल करने से पसीने की मात्रा को कम किया जा सकता है।

2.      इसके अलावा, घरेलू उपाय भी मददगार साबित हो सकते हैं। जैसे कि बोरेक्स पाउडर या कॉर्नस्टार्च को हाथों पर लगाना। ये पसीने को अवशोषित करने में मदद करते हैं और हाथों को सूखा रखते हैं।

3.      अगर ये उपाय काम नहीं करते हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेना बेहतर है। चिकित्सक बोटॉक्स इंजेक्शन की सलाह दे सकते हैं, जो पसीने के ग्रंथियों को अस्थायी रूप से निष्क्रिय कर देता है। यह उपाय कुछ महीनों तक प्रभावी रह सकता है।

4.      एक अन्य विकल्प आईओन्टोफोरेसिस है, जिसमें हाथों को एक विशेष मशीन के माध्यम से हल्के इलेक्ट्रिक करंट में रखा जाता है। यह पसीने की ग्रंथियों को कम सक्रिय कर सकता है।

5.      इसके अलावा, मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी जरूरी है। तनाव और चिंता को कम करने के लिए योग, ध्यान और शारीरिक गतिविधियों का अभ्यास करें।

सही उपचार से न सिर्फ पसीने की समस्या में कमी आएगी, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ेगा। अगर आपको यह समस्या लगातार परेशान कर रही है, तो सही मार्गदर्शन के लिए चिकित्सक से संपर्क करना न भूलें और उनसे सलाह लें।

 FAQ

Ques-1  हथेली में पसीना आने का क्या कारण हो सकता है?

Ans-  हाथ की हथेली में पसीना आने के कई कारण हो सकते हैं। सबसे आम कारण तनाव और घबराहट होते हैं, जैसे किसी अहम काम या इंटरव्यू में। इसके अलावा, गर्मी में भी शरीर को ठंडा रखने के लिए पसीना आता है। मानसिक दबाव, चिंता या डिप्रेशन से भी हाथों में पसीना आ सकता है। हॉर्मोनल बदलाव, जैसे मासिक धर्म या गर्भावस्था के दौरान भी ऐसा हो सकता है। कुछ लोगों को हाइपरहाइड्रोसिस जैसी स्थिति होती है, जिसमें बिना कारण पसीना आता है। स्वास्थ्य समस्याएं, जैसे दिल की बीमारी या डायबिटीज़, भी इसका कारण बन सकती हैं।

Ques-2  हाथों में पसीना आना कैसे रोके?

Ans-   हाथों में पसीना आने को कुछ उपायों से रोका जा सकता है। सबसे पहले, तनाव और घबराहट को कम करने के लिए गहरी श्वास लेना या ध्यान करना फायदेमंद हो सकता है। नियमित रूप से योग या व्यायाम करने से भी शरीर को शांत रखा जा सकता है। अगर गर्मी के कारण पसीना आ रहा हो, तो हल्के कपड़े पहनें और पानी पीते रहें ताकि शरीर ठंडा रहे। एंटीपर्सपिरेंट्स का इस्तेमाल हाथों पर किया जा सकता है, जो पसीने को रोकने में मदद करते हैं। यदि समस्या ज्यादा बढ़ जाए, तो डॉक्टर से सलाह लेकर इलाज करवाना सही रहेगा, जैसे कि दवाएं या मेडिकल उपचार।

Ques-3  पसीना आना कौन सी बीमारी का लक्षण है?

Ans-  पसीना आना कुछ बीमारियों का लक्षण हो सकता है। अगर पसीना सामान्य से ज्यादा या बिना किसी कारण के आ रहा हो, तो यह कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है।
  1. हाइपरहाइड्रोसिस: यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर के कुछ हिस्सों, जैसे हाथों या पैरों में अत्यधिक पसीना आता है, और यह बिना किसी बाहरी कारण के होता है।

  2. डायबिटीज़: डायबिटीज़ के मरीजों को कभी-कभी अत्यधिक पसीना आ सकता है, खासकर जब शुगर का स्तर असंतुलित होता है।

  3. थायरॉइड विकार: अगर थायरॉइड अधिक सक्रिय (हायपरथायरॉइडिज्म) है, तो शरीर में अधिक पसीना आ सकता है।

  4. हृदय रोग: दिल से जुड़ी कुछ समस्याएं, जैसे दिल का दौरा या हार्ट अटैक, पसीने का कारण बन सकती हैं।

  5. मेनोपॉज: महिलाओं में मेनोपॉज के दौरान हॉर्मोनल बदलाव के कारण पसीना आ सकता है, खासकर रात के समय।

  6. संक्रमण (Infection): शरीर में संक्रमण होने पर भी बुखार के साथ पसीना आता है, जैसे टायफाइड या तपेदिक में।

  7. अवसाद (Depression): मानसिक समस्याओं, जैसे अवसाद (डिप्रेशन) या चिंता की स्थिति में भी पसीना ज्यादा आ सकता है।

यदि पसीना आना अचानक बढ़ जाए या बिना किसी स्पष्ट कारण के हो, तो डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है, ताकि सही बीमारी का पता चल सके।


 

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